उसके खातिर मेरे हर दुआ को तुने अपनी रजा दी है। उसके खातिर मेरे हर दुआ को तुने अपनी रजा दी है।
जिसे चाहा हो तुमने उसके चले जाने के बाद हर जगह उसी को ढूंढना मगर कही भी उसका पूरी तरह से एक जगह न मि... जिसे चाहा हो तुमने उसके चले जाने के बाद हर जगह उसी को ढूंढना मगर कही भी उसका पूर...
दिल ये पागल कहता है के दिन में तारे गिन, जून की धूप ना जाने कहता है सारे गिन। ना दिल ये पागल कहता है के दिन में तारे गिन, जून की धूप ना जाने कहता है सार...
लाज शर्म को छोड़। लाज शर्म को छोड़।
तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई कोई खैर-खबर। तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई क...
कि मंज़िल कौन पाना चाहता है अब,बिन तेरे कि ख्वाबों को सजाना कौन चाहता है अब, बिन तेरे कि मंज़िल कौन पाना चाहता है अब,बिन तेरे कि ख्वाबों को सजाना कौन चाहता है अब, ...